प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस की यात्रा नहीं करेंगे. दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच करीब 10 महीने से युद्ध चल रहा है. भारत ने दो देशों से राजनयिक संतुलन अधिनियम बनाए रखने की मांग की है. हालांकि सरकार सूत्रों के अनुसार समय के अभाव के कारण पीएम रूस की यात्रा नहीं कर रहे है. भारत- रूस के संबंधों से हर कोई वाकिफ है. दोनों ही देशों के बीच मजबूत संबंध हैं.
इन्हीं संबंधों के कारण हर साल दोनों देशों के बीच सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जिसमें दोनों ही देशों के नेता मीटिंग कर अहम विषयों पर अपना पक्ष रखते है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस साल दोनों देशों के बीच सम्मेलन होने की संभावना न के बराबर है. पिछले साल यह सम्मेलन 6 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में हुआ था. जिसमें रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने हिस्सा लिया था.जिसमें मोदी और पुतिन के बीच अहम विषयों 6 घंटे तक मीटिंग हुई थी थी.
दोनों देशों के बीच 21 बार हो चुका है वार्षिक शिखर सम्मेलन
जानकारी के अनुसार भारत- रूस के बीच वैकल्पिक रूप से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं. बता दें पहला वार्षिक शिखर सम्मेलन साल 2000 में शुरू हुआ था. कोरोना के कारण 2020 में शिखर सम्मलेन नहीं हुआ था.पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में को एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने उस समय रुसी राष्ट्रपति से कहा था ये युद्ध का युग नहीं है.
विदेश मंत्री ने संसद में दी ये जानकारी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल में ही संसद में बताया था कि समरकंद में पीएम ने वैश्विक भावना व्यक्त की, मोदी ने जह यह घोषणा की यह युद्व का युग नहीं है. तब उनका इशारा रुस- युक्रेन के संघर्ष के संदर्भ में था. हाल ही में इस युद्ध में न्यूक्लियर खतरे की संभावना भी बढ़ गई है.हालांकि पुतिन की तरह से यह साफ कर दिया गया है कि रुस न्यूक्लियर हमले की शुरुआत नहीं करेगा. फिर भी दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी है.हालांकि भारत ने स्पष्ट रूप से यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की रूसी नेताओं द्वारा जारी परमाणु खतरों पर चिंता जरुर व्यक्त की है.